डिजिटा को डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इससे सत्यापन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी और डिजिटल ऋण प्रदान करने वाले नकली ऐप बंद हो जाएंगे। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने आईटी मंत्रालय के साथ 442 अद्वितीय डिजिटल ऋण देने वाले ऐप की एक सूची साझा की है ताकि उन्हें Google के साथ श्वेतसूची में डाला जा सके।
साइबर फ्रॉड की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मार्केट में इंस्टेंट लोन देने वाले ढेरों ऐप मौजूद हैं। बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों के तहत, RBI एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) स्थापित करने पर विचार कर रहा है। इस एजेंसी का काम मिनटों में लोन देने वाले ऐप्स को बैन करना होगा।
फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप्स पर रोक
इसने कहा कि एजेंसी डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स के सत्यापन और सत्यापित ऐप्स के सार्वजनिक रजिस्टर को बनाए रखने में सक्षम होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन ऐप्स पर डिजिटा के वेरिफाइड सिग्नेचर नहीं होंगे, उन्हें लोगों को इस्तेमाल करने की परमिशन नहीं दी जाएगी। आरबीआई की यह एजेंसी डिजिटल क्षेत्र में वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में एक आवश्यक चेक पॉइंट के रूप में काम करेगी।
उन्होंने कहा कि डिजिटा को एक बार डिजिटल लोन देने वाले ऐप की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इससे सत्यापन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी और डिजिटल ऋण प्रदान करने वाले नकली ऐप बंद हो जाएंगे। आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने गूगल के साथ श्वेतसूची में डालने के लिए आईटी मंत्रालय के साथ 442 यूनीक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की लिस्ट शेयर की है।
Play Store से हटाए गए 2200 से ज्यादा ऐप्स
इसके अलावा गूगल ने 2200 से ज्यादा डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स को ऐप स्टोर से हटा दिया है। इन ऐप्स को सितंबर 2022 और अगस्त 2023 के बीच हटा दिया गया था। गूगल ने प्ले स्टोर पर ऋण ऐप के संबंध में अपनी नीति को अपडेट किया है और केवल उन ऐप्स को अनुमति दी गई है जो आरबीआई विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ काम कर रहे हैं या आरई के साथ साझेदारी में हैं।
गूगल ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के अनुरोध पर यह नीतिगत बदलाव किया है।
लैंडिंग ऐप्स क्या हैं?
ये ऐसे ऐप हैं जो बिना किसी डॉक्यूमेंट के लोगों को डिजिटल तरीके से लोन देते हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे ऐप हैं जो आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड नहीं हैं। कई लोग ऐसे होते हैं जो यहां से लोन लेते हैं और बाद में उन्हें ज्यादा ब्याज दरों के साथ चुकाना पड़ता है।
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